स्वामी विवेकानंद के मुताबिकए ऐसी होनी चाहिए शिक्षा
Abstract
स्वामी विवेकानन्द मैकाले द्वारा प्रतिपादित अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था के विरोधी थे, क्योंकि इस शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ बाबुओं की संख्या बढ़ाना था। वह ऐसी शिक्षा चाहते थे जिससे बालक का सर्वांगीण विकास हो सके। स्वामी जी के मुताबिक, बालक की शिक्षा का उद्देश्य उसको आत्मनिर्भर बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना होना चाहिए।
स्वतंत्रता पश्चात हमें शिक्षा क्षेत्र में किस दिशा में बढ़ना था और हम किस तरफ चल पड़े, हमारी वर्तमान शिक्षा नीति जीवन के मूल उद्देश्यों को पूरा कर पा रही है अथवा नहीं, मातृभाषा केवल भावनात्मक विषय नहीं है, बल्कि मातृभाषा में शिक्षा पर जोर देने के पीछे वैज्ञानिक कारण विद्यमान हैं, भाषा न केवल ज्ञानार्जन का माध्यम है, अपितु संस्कार व संस्कृति के प्रसार का माध्यम भी है, यहाँ उसी सन्दर्भ को अतएव लिखा जा रहा है।