महात्मा गाँधी और स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों की समानता - (राजनीतिक विचार)
Abstract
राजनीतिक दर्शन का स्वरूप बदलता रहा है। यूनानी विचाराकों की दृष्टि में राजनीति की मुख्य समस्या आदर्श राज्य का निर्माण थी़। दुनिया के और कई दार्शनिकों नंे क्रमशः राज्य की सुरक्षा और राज्य सत्ता को एक समझौते का परिणाम माना। गाँधी जी राजनीति की व्यापकता के कारण इसमें आये। वे हृदय से धार्मिक व्यक्ति थे लेकिन उनकी दृष्टि में मानव-जाति की सेवा सर्वोपरि थी।
स्वामी विवेकानन्द की विचार धारा मूलतः आध्यात्मिक मूल्यों से प्रभावित थी। उनके अतंःकरण में स्वार्थ जैसी अमानवीय मान्यताओं के लिए कोई जगह नहीं थी। वे ऐसी राजनीति के विरोधी थे जिसमें लोक कल्याण की मर्यादा उपेक्षित हो। वे प्रमुख रूप से धार्मिक व्यक्ति थे जिनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति के आदर्शपरक मूल्यों की स्थापना करना था।
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