पं0 दीनदयाल उपाध्याय का सांस्कृतिक लक्ष्य
Abstract
नैतिक प्रेरणा के स्रोत तथा राष्ट्रीय प्रगतिवादी विचारधारा के पुरोधा पं0 दीनदयाल उपाध्याय भारतीय संस्कृति के प्रति अनन्य निष्ठावान हैं। उनका समग्र व्यक्तित्व व कृतित्व, उनके सम्पूर्ण कार्य, आदर्श और सिद्धान्त भारतीय संस्कृति के संवाहक कहे जा सकते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित पंडित जी की सांस्कृतिक विचारधारा राष्ट्र को नवीन ऊर्जा व मार्ग देेने में सक्षम दिखायी देती है। उनके व्यक्तिगत जीवन में ही नहीं राजनीतिक व सामाजिक जीवन में भी सांस्कृतिक चेतना दृष्टिगत होती है। उनके मत में सांस्कृतिक चेतना भारतीयता का प्राण तत्व है। उन्होंने सनातन विचारधारा की समयानुसार-युगानुसार प्रस्तुति कर राष्ट्र को पुष्ट विचारधारा प्रदान की है। संस्कृतिनिष्ठ आपके आदर्श राष्ट्र में नैतिक शिक्षा के प्रेरक अनुभूत होते हैं।
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