पंडित दीनदयाल जी, उनका एकात्म मानव दर्शन तथा प्रबंधन
Abstract
एकात्म मानव दर्शन का विषय जीवन में हमेशा मार्ग दर्शक बनकर प्रेरणा देने वाला विषय है इसलिए आधुनिक भारत में इसका पठन हमेशा होता रहे तो अच्छा है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय महान चिंतक और संगठनकर्ता थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसे प्रगतिशील विचारधारा दी। एकात्म मानववाद मानव जीवन में संपूर्ण सृष्टि के एकमात्र संबंध का दर्शन है इसका वैज्ञानिक विवेचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था। एकात्म मानववाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक का मार्गदर्शक दर्शन है। यह दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा 22 से 25 अप्रैल 1965 को मुंबई में एक सभा में रखा गया।
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