एकात्म मानववाद: एक सार्वभौमिक व्यावहारिक दर्शन
Abstract
एकात्म मानववाद मानव दर्शन तथा संपूर्ण प्रकृति के एकात्म संबंधों का दर्शन है एवं एक सुदृढ़ सामाजिक व्यवस्था का परिचारक है। यह कोई वाद या सिद्धांत नहीं है। इस दर्शन की परिधि में एक ओर व्यक्ति के जीवन का उसके सर्वांग के साथ संकलित चिंतन मनन है तो दूसरी ओर चराचर सृष्टि का भी उसके सभी अंगों को ध्यान में रखते हुए किया गया संकलित विचार है। जिसका उद्देश्य एक विश्व राज्य की स्थापना करना है। इस प्रयास की प्रथम कड़ी व्यक्ति है। व्यक्ति को संगठित कर ही हम परिवार, समुदाय, राष्ट्र, मानवता और चराचर विश्व को संगठित करने की कामना कर सकते हैं। अतः मानव के समन्वित एवं समग्र विचार के आधार पर विश्व मानवता की स्थापना ही एकात्म मानववाद का लक्ष्य है।
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