एकात्म मानव दर्शन का वर्तमान परिपेक्ष्य में व्यवहारिक प्रयोग
Abstract
पंडित दीनदयाल उपाध्याय, एक दार्शनिक, समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ थे। इनके द्वारा प्रयुक्त दर्शन को एकात्म मानववाद कहा जाता है। जिसका उद्देश्य सामाजिक आर्थिक मॉडल प्रस्तुत करना था। जिसमें विकास के केन्द्र में मानव है। एकात्म मानव दर्शन का मूल अर्थ एकात्म मानव दर्शन भारतीय संस्कृति विचार और दर्शन का निचोड़ है। जिस समय पूरा विश्व पूँजीवाद और साम्यवाद की अच्छाई, बुराई की बहस में उलझा था। पंडित दीनदयाल ने हस्तक्षेप करते हुए इन दो चरम विचार धाराओं से अलग एकात्म मानववाद की साम्यक, अवधारणा दी।
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