पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानव दर्शन पर आधारित आर्थिक विचार
Abstract
माननीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एक युगद्रष्टा तथा युगपुरुष थे। उन्होंने देश के विकास व उत्थान को तप मानकर एक संन्यासी के समान जीवन व्यतीत किया पंडित दीनदयाल जी ने शोध के द्वारा एकात्म मानव दर्शन को विकसित किया। जहां पूंजीवाद में मनुष्य को एक आर्थिक इकाई तथा साम्यवाद में एक राजनैतिक व कार्मिक इकाई माना जाता है वो पंडित जी को स्वीकार्य नहीं था। पंडित दीनदयाल जी ने मानव,समाज व प्रकृति के संबंधों को समग्र रूप में देखा। ’एकात्म मानव दर्शन’ में मानव के तन-मन, बुद्धि और आत्मा को सम्मलित रूप में स्वीकारा है।
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